ऑस्ट्रेलिया की पब्लिक सर्वेंट ब्रिजेट कॉट्रिल को ब्रिसबेन ओलंपिक में खो खो को शामिल किए जाने की उम्मीद

15 जनवरी, 2025: दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा पहला खो खो विश्व कप एक ब्लॉकबस्टर इवेंट बन गया है। 23 देशों के खिलाड़ी 20 पुरुष और 19 महिला टीमों की ग्लोबल इवेंट का हिस्सा बनने के लिए राजधानी शहर में एकत्रित हुए हैं।

ऑस्ट्रेलियाई टीम की उप कप्तान ब्रिजेट कॉट्रिल विश्व कप का हिस्सा बनकर खुश हैं और उम्मीद करती हैं कि यह खेल 2032 में ब्रिसबेन में होने वाले ओलंपिक खेलों में जगह बनाएगा।

ब्रिजेट कॉट्रिल ने कहा, “ हमने शानदार खेल दिखाया है। नतीजा बेशक हमारे पक्ष में नहीं गया, लेकिन हमने बेहतरीन समय बिताया। ऊर्जा बहुत अधिक थी। वास्तव में यह पहली बार है जब हम एक पूरी टीम के रूप में खेल रहे हैं। हम ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग शहरों से हैं। इसलिए एक साथ मिलकर खेलना बहुत अच्छा लग रहा है।”

भारत आकर उत्साहित दिख रही ब्रिजेट कॉट्रिल ने आगे कहा,” देखिए, मेरा मतलब है की क्रिकेट, फ़ुटबॉल और रग्बी में इंग्लैंड के साथ हमारी बहुत अच्छी दोस्ताना प्रतिद्वंद्विता है। इसलिए हमें उम्मीद थी कि वे मज़बूती से उभरेंगे और उनकी राष्ट्रीय लीग हमसे काफ़ी पहले से है। हमें पता था कि हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन इतनी अच्छी टीम के साथ सीरीज़ शुरू करने से बेहतर कोई तरीका नहीं है।”

नेटबॉल, बास्केटबॉल, घुड़सवारी खेल चुकी कॉट्रिल एक अनुभवी खिलाड़ी हैं। वह बताती हैं कि उन्हें खो-खो के बारे में कैसे पता चला।

उन्होंने कहा, “मैंने वास्तव में पहले कभी खो-खो के बारे में नहीं सुना था। मैंने कबड्डी के बारे में बहुत कुछ सुना है, एएफएल खिलाड़ियों ने कबड्डी खेली है। लेकिन मैंने खो-खो के बारे में कभी नहीं सुना। मेरे एक दोस्त के दोस्त ने मुझे फ़ोन किया। फिर मैंने कुछ दोस्तों को इकट्ठा किया। इसलिए, मैंने हाल ही में नियम सीखे हैं। हमने एक अच्छी और मज़बूत टीम बनाई है, हम नियमित रूप से प्रशिक्षण ले रहे हैं, प्रतियोगिता के लिए तैयार होने की कोशिश कर रहे हैं।”

अन्य खेलों का हिस्सा बनने से कॉट्रिल को खो-खो की बारीकियाँ जल्दी सीखने में मदद मिली है।वह कहती हैं, “मैं एक लंबी दूरी की धावक रही हूँ। इसलिए धीरज ने निश्चित रूप से चपलता में मदद की है। रणनीति ऐसी चीज़ है जो मैंने पहले कभी नहीं देखी। यह एक तरह का आधा शतरंज, आधा दौड़ने का धीरज वाला खेल है। इसलिए, हाँ, यह सीखना बहुत बढ़िया रहा।”

ऑस्ट्रेलियाई जो एल्बरी ​​से आती है, भारत में अपने समय का आनंद ले रही है। अपनी बात की समाप्त करते हुए ब्रिजेट कॉट्रिल ने कहा, “मैं एक पब्लिक सर्वेंट हूँ और पसिफ़िक रीज़न में जलवायु के लिए नीति पर काम करती हूँ। भारत में रहना अद्भुत रहा है। भारत हमेशा मेरी इच्छा सूची में रहा है। यहाँ सीखने और यहाँ आने और अविश्वसनीय लोगों का अनुभव करने के लिए एक बहुत ही सुंदर संस्कृति है और सभी का मित्रतापूर्ण व्यवहार बहुत बढ़िया है। उन्होंने हमारे लिए एक असली शो पेश किया है। भोजन शानदार है और हम एक बेहद खूबसूरत जगह पर रह रहे हैं और यहाँ तक कि हर दिन स्टेडियम तक ड्राइव-इन भी अद्भुत रहा है।”

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